आसान कविता क्यों लिखें ? गणेश पाण्डेय का तल्ख सवाल

आसान कविता क्यों लिखें ? जनवादी कवि एवं आलोचक प्रो गणेश पाण्डेय का तल्ख सवाल 🔴 आज की कविता को व्याख्या की ज़रूरत पड़े, आज का कवि भाष्यकार की ओर टकटकी लगाकर देखे और आज का संपादक और प्रकाशक ऐसी कविताओं को छापने के लिए विकल हो, तो निश्चय ही यह सब पाठकों के अकाल […]

देश का वर्तमान परिदृश्य बदलना चाहिए ~ राम चन्द्र शुक्ला

🛑 पिछले 09 सालों से इस देश में जो कुछ हो रहा है, हम उसके कोई तमाशबीन नही हैं कि बैठ कर यह तमाशा सरे आम देखते रहेंगे।🔵 इसके साथ ही किसी मसीहा या नेता से उम्मीद करना भी व्यर्थ है।🔴 इसका उदाहरण इस देश के किसान हैं, जिन्होने अपने 750 से अधिक साथियों की […]

इतिहासकार प्रो शम्सुसल इस्लाम से संघ भयभीत

● जनवादी लेखक, चिंतक तथा आलोचक गिरीश मालवीय की एक गर्म टिप्पणी इन दिनों खास चर्चा में है। उनका एक सुलगता सवाल है कि ~ आखिर आर एस एस जाने माने इतिहासकार प्रो. शम्सुल इस्लाम से क्यो घबराता है ❓● नये संदर्भ में पुरानी खबर~ कि इंदौर में सरकारी आदेश का हवाला देते हुए मशहूर […]

आजाद भारत में नेहरू की प्रासंगिकता ~ जनवादी लेखक अमृत कुमार की विवेचना

●●● भारत के आजाद होते ही प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकर ने जिस एयरलाइंस को खरीदा था, आज उसी इंडियन एयरलाइंस ने हमारे भारतीय नागरिकों को, जो वैश्विकमहामारी कोरोना के चलते दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं, उन्हें वहाँ से निकालने में मदद किया है। कोई भी कार्पोरेट्स क्षेत्र जो विमान संचालन […]

दुष्टों अथवा दुर्जनों की अपरम्पार महिमा ~ कविता कृष्णपल्लवी

🔥 दुष्टों अथवा दुर्जनों की अपरम्पार महिमा ~ कविता कृष्णपल्लवी दुष्टों अथवा दुर्जनों की महिमा अपरम्पार होती है।● दुष्ट कई प्रकार के होते हैं। जैसे ~~~• राजनीतिक-सामाजिक दुष्टता जहाँ अपने शिखर पर पहुँचकर जघन्यतम और अमानवीयतम हो जाती है, वह पराकोटि या परिणति-बिंदु फासिज्म है।● वर्गीय दुष्टता एक ऐतिहासिक-सामाजिक परिघटना है। जैसे एक पूँजीपति व्यक्तिगत तौर […]

समीक्षा ~ कैलाश मेहरा का व्यंग्य संग्रह “कतरनें”

🌈 कतरनें ~ न्याय व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करता कैलाश मेहरा का ताजा व्यंग्य संग्रह ~ समीक्षा ~ गोपाल गोयल ● ==========================● जनकवि केदारनाथ अग्रवाल की धरती बाँदा मे कविता की परंपरा से अलग हटकर व्यंग्य लेखक का उद्भव हिन्दी साहित्य में एक अद्भुत योगदान है। केदार बाबू की तरह पेशे से वकील कैलाश […]