📚 “परम्परा का मूल्यांकन” ~ डाॅ रामविलास शर्मा

📚 “परम्परा का मूल्यांकन” ~ डाॅ रामविलास शर्मा ●●● कोरोना काल ने कुछ पुस्तकों के पुनर्पाठ का अच्छा अवसर दे दिया। इसी क्रम में 40 वर्ष पूर्व पढ़ी डाॅ रामविलास शर्मा की महत्वपूर्ण पुस्तक “परम्परा का मूल्यांकन” पढ़ते हुए जिज्ञासा हुई कि उनके कुछ विचारों को साझा किया जाए। यह पुस्तक राजकमल प्रकाशन से 1981 […]

हिंदी पत्रकारिता दिवस: चुनौतियों से चुनौतियों तक का सफर ~ वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल की शोधपरक रिपोर्ट

हिंदी पत्रकारिता दिवस: चुनौतियों से चुनौतियों तक का सफर● बड़े घरानों के हितों-स्वार्थों का संरक्षण करना आज के दौर की पत्रकारिता का विद्रूप चेहरा है। पत्रकारिता परदे के पीछे है और तमाम मीडिया घरानों के धंधे सामने हैं~ राजेश बादल, वरिष्ठ पत्रकार।।●● करीब 195 साल पहले, जब कानपुर से गए पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने […]

📚 हिन्दी के गर्व-गौरव “डाॅ रामविलास शर्मा” ~ प्रो जसवीर त्यागी का संस्मरण आलेख

📚 हिन्दी के गर्व-गौरव “डाॅ रामविलास शर्मा” ~ प्रो जसवीर त्यागी का संस्मरण आलेख● सन् 1991-92 में दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज से बी. ए. हिंदी आनर्स करने के पश्चात मैंने एम.ए.हिंदी में दाखिला लिया। कॉलेज से बाहर दिल्ली विश्वविद्यालय की आर्ट्स फैकल्टी में हमारी कक्षाएँ होती थीं। यहाँ पढ़ने का अनुभव कॉलेज के अनुभव […]

हिंदी पत्रकारिता दिवस: चुनौतियों से चुनौतियों तक का सफर~ वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल की शोधपरक रिपोर्ट

हिंदी पत्रकारिता दिवस: चुनौतियों से चुनौतियों तक का सफर● बड़े घरानों के हितों-स्वार्थों का संरक्षण करना आज के दौर की पत्रकारिता का विद्रूप चेहरा है। पत्रकारिता परदे के पीछे है और तमाम मीडिया घरानों के धंधे सामने हैं~ राजेश बादल, वरिष्ठ पत्रकार●● करीब 195 साल पहले, जब कानपुर से गए पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने […]

📚 “चार्वाक” सम्मान के बाद संपादक एवं कवि डाॅ सुधीर सक्सेना को “डॉ. एल. पी. तैस्सितोरी अवार्ड”

📚 संपादक एवं कवि डाॅ सुधीर सक्सेना को “डॉ. एल. पी. तैस्सितोरी अवार्ड”● सादूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट बीकानेर के तत्वावधान में प्रति वर्ष दिए जाने वाले डाक्टर एल. पी. तैस्सितोरी अवार्ड की श्रंखला में वर्ष 2020 का डॉ. एल. पी. तैस्सितोरी अवार्ड प्रख्यात कवि, संपादक एवं “राजस्थानी भाषा मान्यता आन्दोलन” को सक्रिय योगदान देने वाले […]

🌹 साम्प्रदायिकता एक मध्य वर्गीय प्रपंच~ नेहरू / 27 मई पंडित नेहरु की पुण्य तिथि पर पंकज चतुर्वेदी का आलेख

🌹 साम्प्रदायिकता एक मध्य वर्गीय प्रपंच~ नेहरू / 27 मई पंडित नेहरु की पुण्य तिथि पर वरिष्ठ संपादक एवं स्तंभ लेखक पंकज चतुर्वेदी का आलेख🌹 नेहरू द्वारा भी महात्मा गाँधी की भांति धर्म की नैतिक अनिवार्यता को व्यावहारिक आवश्यकता के रूप में स्वीकार किया गया। नेहरू की भारत के बारे में समझ तथा ऐतिहासिक ज्ञान […]

गजल विमर्श 2 “लोक रंजन” और “लोक कल्याण” दोनों ही तत्व गजल के महत्वपूर्ण तत्व हैं~ डाॅ अमर पंकज की अवधारणा

💮 ग़ज़ल-विमर्श● गजल विमर्श ~1 में डाॅ अमर पंकज ने एक स्थापना प्रस्तुत की थी कि “समृद्ध विरासत की उपेक्षा हमेशा सुखद परिणाम नहीं देती।”गजल विमर्श ~ 2 में वे रेखांकित करते हैं कि “लोक रंजन” और “लोक कल्याण” दोनों ही तत्व गजल के महत्वपूर्ण तत्व हैं। प्रस्तुत है डाॅ अमर पंकज की अवधारणा ~ग़ज़ल-विमर्श […]

छत्तीसगढ़ सेअखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा)के राष्ट्रीय संयोजक डाॅ राजाराम त्रिपाठी की ललकार ~ अंततः किसानों की जीत होगी

⚫ अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा)के राष्ट्रीय संयोजक डाॅ राजाराम त्रिपाठी की ललकार ~ अंततः किसानों की जीत होगी⚫ छत्तीसगढ़ के किसानों ने भी मनाया गया “काला दिवस”भली-भांति जान समझ ले सरकार ! किसानों की माँगें जायज हैं, इसलिए अंततः किसानों की माँगें माननी ही होंगी : डॉ राजाराम त्रिपाठी~ राष्ट्रीय संयोजक “अखिल भारतीय किसान […]

📚 उमाशंकर सिंह परमार युवा हिन्दी आलोचना की नयी सरगर्मी हैं ~ देवेन्द्र आर्य / संदर्भ: “प्रतिपक्ष का पक्ष” ~ पक्ष का प्रतिपक्ष रचते हैं उमाशंकर सिंह परमार

📚 उमाशंकर सिंह परमार युवा हिन्दी आलोचना की नयी सरगर्मी हैं ~ देवेन्द्र आर्य / संदर्भ: “प्रतिपक्ष का पक्ष” ~ पक्ष का प्रतिपक्ष रचते हैं उमाशंकर सिंह परमार● यदि आलोचकीय मापदंड वैचारिक सरोकारों से निर्मित हैं, तो कवि के मूल्यांकन में गड़बड़ी नहीं हो सकती। वैचारिक आयाम युगबोध को तरजीह देते हैं, फार्मेट या शिल्प […]

🌹 महात्मा गाँधी के बाद भारत के सबसे लोकप्रिय नेता पं जवाहर लाल नेहरू ~ 27 मई स्मृति दिवस पर जितेन्द्र धीर की टिप्पणी

🌹 महात्मा गाँधी के बाद भारत के सबसे लोकप्रिय नेता पं जवाहर लाल नेहरू ~ 27 मई स्मृति दिवस पर जितेन्द्र धीर की टिप्पणी🌹 सुर्ख गुलाब को देख कर जिन दो व्यक्तित्वों की याद तरोताजा हो उठती है, उनमें एक है हिन्दी के सुपरिचित कवि महाप्राण निराला, जिन्होंने कैपिटलिस्ट से इसकी उपमा देते हुए कहा […]