🔥 नये कवियों के लिए सीख ~ गणेश पाण्डेय

🔥 नये कवियों के लिएसीख~ गणेश पाण्डेय🥎 नये कवियो ! रघुवीर सहाय, केदारनाथ सिंह, विष्णु खरे आदि की नक़ल करके कविता मत लिखिए। कविता, पाठक के जीवन में कैसे अपनी जगह बनाती है, यह जानने के लिए हबीब जालिब और हिन्दी के पुराने कवियों को देखना चाहिए।🔴 हबीब का ज़िक्र इसलिए कि ये बहुत पुराने […]

रचनात्मक आलोचना के विरल हस्ताक्षर विश्वनाथ त्रिपाठी~ अमरनाथ

🌹 रचनात्मक आलोचना के विरल हस्ताक्षर प्रो. विश्वनाथ त्रिपाठी आज अपने जीवन के नब्बे साल पूरे कर रहे हैं। इस अवसर पर हम उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हैं और उनके सुस्वास्थ्य व सतत सक्रियता की कामना करते हैं:~ प्रोफेसर अमरनाथ🔵 सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश के बिस्कोहर नामक गाँव में जन्मे और बनारस तथा चंडीगढ़ से […]

विविधताओं का आश्चर्यलोक ~ भरत प्रसाद की आलोचना कृति

🥎 पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय शिलांग मेघालय में हिन्दी विभाग के प्रोफेसर भरत प्रसाद एक सूक्ष्म अन्वेषी संवेदनशील कवि हैं। वे गंभीर लेखक, आलोचक तथा समर्थ संपादक भी हैं। उनकी एक नयी आलोचना कृति :~ “विविधताओं का आश्चर्यलोक” शीघ्र प्रकाशित होकर आ रही है। इस पुस्तक की कथावस्तु कुछ यूँ है:~🥗🥗 पूर्वोत्तर भारत जो 8 राज्यों […]

सामाजिक संस्थाओं का लाभ आदिवासियों को~ डाॅ राजाराम त्रिपाठी

🔵 समाजसेवी संस्थाओं का फायदा अंचल के आदिवासियों को भी मिले, तभी होगी सार्थकता:~ डॉ राजाराम त्रिपाठी🟤 115 साल पुरानी और 125 देशों में कार्यरत समाजसेवी संस्था जेसीस का कोंडागांव में हुआ गठन🏀 “जेसीज कोंडागाँव स्टार’ का हुआ गठन~ डॉ. शिल्पा बनीं प्रथम अध्यक्ष🟣 छत्तीसगढ़ के कोंडागाँव में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में कोंडागाँव जिले […]

MSP नहीं, तो वोट नहीं ~ डाॅ राजाराम त्रिपाठी

🥎 देश के किसानों की समस्याओं को समझने के लिए सघन भ्रमण कर रहे हैं, राकेश टिकैत। इसी क्रम में राकेश टिकैत ने छत्तीसगढ़ के कोंडागाँव पहुँच कर डॉ राजाराम त्रिपाठी से मुलाकात की। बस्तर, छछत्तीसगढ़ तथा देश के किसानों के मुद्दों पर हुई चर्चा। बनी साझा रणनीति।राकेश टिकैत भी करेंगे ऑस्ट्रेलियन टीक और काली […]

“अपनों के बीच अजनबी” किताब की प्रणव प्रियदर्शी की समीक्षा

📚 फिल्मी पटकथा के लेखक फरीद खाँ की किताब “अपनों के बीच अजनबी” पर नवभारतटाइम्स के वरिष्ठ पत्रकार “प्रणव प्रियदर्शी” की धमाकेदार समीक्षा/ टिप्पणी ~ “अंधेरे दौर का एक उजला दस्तावेज़”🛑 पता नहीं यह गफलत कैसे हुई, पर मैं फरीद खां की नई पुस्तक “अपनों के बीच अजनबी” को कविता संकलन मान बैठा था। शायद […]

व्यवस्था पर प्रहार के कवि शंभु बादल ~ डाॅ रमाकांत शर्मा

🔥 व्यवस्था पर प्रहार करती शम्भु बादल की कविताएँ ~ डॉ.रमाकांत शर्मा🛑 समकालीन वरिष्ठ कवि और “प्रसंग” पत्रिका के संपादक शंभु बादल की कविताओं से गुज़रते हुए मैंने ऐसा अनुभव किया कि यह कवि बिना किसी लाग लपेट के सीधे – सीधे व्यवस्था यानी कि सत्ता से टकराने का अदम्य साहस रखने वाला कवि है। […]

“एक खिड़की, आठ सलाखें”~ मिथलेश श्रीवास्तव द्वारा समीक्षा

🛑 कवयित्री रति सक्सेना का कविता-संग्रह~ “एक खिड़की, और आठ सलाखें” ~ जनवादी रचनाकार मिथलेश श्रीवास्तव की समीक्षा ~ “तूफान से जूझती आवाजें”🔴 उपरोक्त शीर्षक रति सक्सेना की एक कविता की पंक्ति है। कवयित्री रति सक्सेना का कविता-संग्रह “एक खिड़की और आठ सलाखें” को दुबारा पढ़ा।उनका यह संग्रह भाषा और कंटेंट दोनों ही लिहाज से […]

“वर्तमान साहित्य” पत्रिका का पुनर्प्रकाशन~ सुखद संदेश

📚 हिन्दी साहित्य की महत्वपूर्ण पत्रिका “वर्तमान साहित्य” के पुनर्प्रकाशन पर जनवादी रचनाकार दिनेश प्रियमन की गंभीर टिप्पणी ~🔴 “वर्तमान साहित्य” के पुनर्प्रकाशन से हिंदी की गम्भीर पत्रिकाओं के चुनिंदा पाठकों की खुशी में इजाफा हुआ है। संस्थापक संपादक विभूति नारायण राय से शुरू हुई पत्रिका के फिर प्रकाशन की जिम्मेदारी संभालते हुए भाई संजय […]