वल्लभ की कविताएँ समकाल के क्रूर यथार्थ को रचतीं हैं।

🛑 लखनऊ ( उत्तर प्रदेश ) में जन संस्कृति मंच की ओर से यूपी प्रेस क्लब में कवि वल्लभ के तीसरे कविता संग्रह “पोतराज” पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।🔵 रिपोर्टर~ मो० कलीम इकबाललखनऊ🔴 वल्लभ की कविताएँ समकाल के क्रूर यथार्थ को रचतीं हैं।🏀 लखनऊ~ जन संस्कृति मंच की ओर से यूपी प्रेस क्लब में […]

नवनीत पाण्डे शोषित वर्ग के पक्षधर कवि~ डाॅ रमाकांत शर्मा

🔴 कथनी और करनी में अभेद स्थापित करती नवनीत पाण्डे की कविताएँ ~ डॉ. रमाकांत शर्मा🟣 अपनी कथनी और करनी को दूध और पानी की तरह एकमएक कर अभेद स्थापित कर देने वाले विरल कवियों में यदि आज किसी का नाम मेरे ज़हन में यकायक उभरता है, तो वह है~ कवि नवनीत पाण्डे।🔵 शब्द और […]

बुद्धिलाल पाल की कविताओं में प्रतिरोध के स्वर~ अजय चंद्रवंशी

🔴 बुद्धिलाल पाल की कविताओं में प्रतिरोध के स्वर ~ अजय चंद्र वंशी🟣 समकालीन कविता में विभिन्न कवि अपने-अपने स्वभाव अनुरूप सृजनरत हैं। हम यहाँ उनके “कवि स्वभाव” की बात कर रहे हैं, जो ज़ाहिर है उनके संवेदनात्मक लगाव और वैचारिकता से संपृक्त होता है। इस ‘स्वभाव’ में भिन्नता के विविध कारण होते हैं जैसे […]

विद्वानों की दृष्टि में वरिष्ठ आलोचक डाॅ रमाकांत शर्मा

🔴 समकाल के वरिष्ठ आलोचक/ रचनाकार डाॅ रमाकांत शर्मा की आलोचना दृष्टि को लेकर कतिपय विद्वानों की सम्मतियों का एक संक्षिप्त संकलन साझा करते हुए प्रसन्नता हो रही है।🔵 डाॅ रमाकांत शर्मा की लोकधर्मी आलोचना दृष्टि को लेकर कतिपय विद्वानों की सम्मतियाँ कुछ इस प्रकार हैं :~🟣 1.आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार~ “रमाकांत शर्मा की […]

कृषि वैज्ञानिक डाॅ राजाराम त्रिपाठी को लाइफ टाइम एचीवमेंट एवार्ड

🔴 “लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड” से नवाजे गए से बस्तर के कृषि वैज्ञानिक डॉ राजाराम त्रिपाठी🥎 काली मिर्च, सफेद मूसली ऑस्ट्रेलियन टीक, स्टीविया, इंसुलिन पौधा की नई किस्मों पर दीर्घकालिक शोध के लिए मिला अवार्ड🟣 40 चालीस लाख के “पाली-हाउस” के सस्ते, टिकाऊ और ज्यादा लाभ देने वाले विकल्प “नेचुरल ग्रीन हाउस” (लागत मात्र डेढ़ लाख) […]

📚 वाधवानी की सूक्तियाँ अर्थपूर्ण हैं ~ राजेन्द्र वर्मा

🔴 कम शब्दों में अधिकाधिक संप्रेषण~ “सुन्दर सूक्तियाँ”~ राजेन्द्र वर्मा🥎 हिंदी में सूक्तियों का प्रचलन बहुत पुराना है। गद्यकार अपनी रचनाओं में कहीं-न-कहीं सूक्तियों का प्रयोग करते हैं। ये सूक्तियाँ किसी प्रसंग में आ जाती हैं, जो जीवन-दर्शन, सत्य, प्रेम, आदर्श, मानवीय व्यवहारों को लेकर होती हैं और बिना प्रसंग के भी पठनीय, अर्थपूर्ण और […]

सुमन आशीष की गजलों में प्रतिरोध के स्वर~ डाॅ रमाकांत शर्मा

🟣 सुमन आशीष की अच्छी, सच्ची और सीधी-सादी ग़ज़लें~ डॉ. रमाकांत शर्मा🔵 अक्सर होता यह है कि किसी शाइर की ग़ज़लों से गुज़रते हुए हमारी नज़र अशआर की कलाबाज़ी, चौंकाने की प्रवृत्ति, शब्दों का अनूठा विन्यास, सांकेतिकता, बिम्ब, मिथक आदि पर जा कर ठहर जाती है। संवेदना, अनुभूति, करुणा, वेदना, समय, समाज और देशकाल के […]

“राजा की दुनिया” राजा के कुकृत्यों का दस्तावेज~ शिरोमणि महतो

🔴 कवि बुद्धिलाल पाल का कविता संग्रह “राजा की दुनिया” अर्थात “राजा के कुकृत्यों का दस्तावेज” ~ शिरोमणि महतो की समीक्षा🟣 बुद्धिलाल पाल छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में एक सम्मानित अधिकारी हैं।पुलिस और कवि दोनों एक दूसरे के विरोधी चरित्र हैं।विरोधी इस मायने में कि भारतीय जन-मानस में जो पुलिस की छवि है~ रौब दाब वाले, […]

डाॅ आरती की गजलों में संवेदना के स्वर हैं~ डाॅ रमाकांत शर्मा

🔴 कहन का अलहदा अंदाज़ बनाता है डॉ. आरती की ग़ज़लों को ख़ास ~ डॉ. रमाकांत शर्मा🟣 मुझे यह लिखने में कत्तई किसी प्रकार की हिचक नहीं है कि ग़ज़ल आज काव्य की सर्वाधिक लोकप्रिय विधा है। इसे इशारे का आर्ट भी कहा जाता है। इसमें शाइर कम लफ़्ज़ों का प्रयोग करते हुए अपने अशआर […]

भास्कर चौधुरी की कविताओं में संवेदना और ज्ञान~ डाॅ रमाकांत शर्मा

भाव और विचार यानी संवेदना और ज्ञान की जुगलबंदी : भास्कर चौधुरी की कविताएँ ~ डॉ. रमाकांत शर्मा🔴 आज की कविता में जब भावनाओं और विचारों के तालमेल की बात होती है, तब कवि भास्कर चौधुरी का नाम अक्सर लिया जाता है।🥎 यह कवि केवल और केवल भावुकता की नदी में बहता नहीं है और […]